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तमरूवा में आज बड़े ही धूमधाम व विधि विधान के साथ हलषष्ठी व्रत पूजन किया गया


तमरूवा में आज बड़े ही धूमधाम व विधि विधान के साथ हलषष्ठी व्रत पूजन किया गया।


कवर्धा/तमरूवा में आज बड़े ही धूमधाम व विधि विधान के साथ हलषष्ठी व्रत पूजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं अपने सन्तान की दीर्घायु के लिए पूजन कि। ग्राम पुरोहित श्री विठ्ठल शर्मा जी द्वारा विधि विधान से पूजन कराया गया।


हिंदू धर्म में हल षष्ठी के व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे बलदेव छठ, हरछठ, हलछठ, ललही छठ, रांधण छठ, तिनछठी व चंदन छठ आदि नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन बलराम जी की पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार हरछठ पर भगवान बलराम के साथ छठ माता की विधिवत पूजा करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है।


सन्तान की खुशहाली के लिए व्रत


हरछठ का व्रत महिलाएं संतान सुख के लिए करती हैं। इस व्रत को करने से संतान को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन महुआ का सेवन करने के साथ-साथ उससे दातुन करना शुभ माना जाता है। महिलाएं सुबह से ही तैयारी कर सगरी का साज सज्जा कर पूजन किया गया।

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