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भोरमदेव महोत्सव का प्रचार प्रसार नही होने के कारण, महोत्सव का पहला दिन रहा सन्नाटा



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भोरमदेव महोत्सव का प्रचार प्रसार नही होने के कारण, महोत्सव का पहला दिन रहा सन्नाटा ।



कवर्धा/छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पुरातात्विक, धार्मिक एवं पर्यटन और ऐतिहासिक महत्व के स्थल भोरमदेव मंदिर के नाम से आयोजित होने वाले भोरमदेव महोत्सव के आयोजन तो हुआ, मगर भोरमदेव महोत्सव का पहला ही दिन छाया सन्नाटा।


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प्रचार प्रसार नही होने के कारण महोत्सव रहा बेरंग


छत्तीसगढ़ के खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव में हर साल 3 दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का कार्यक्रम होता आ रहा था,लेकिन जिलाभोरमदेव महोत्सव के प्रचार प्रसार नही होने के कारण, महोत्सव का पहला दिन रहा सन्नाटा ।

प्रशासन के उदासीनता के चलते भोरमदेव महोत्सव अब दो दिवसीय में ही सिमट कर रह गया है।


जिम्मेदार विभाग के मनमानी के चलते अब भोरमदेव महोत्सव बेरंग होते नजर आ रहा है,जिसका खामियाजा व्यापारियों को भोगना पड़ रहा है,एक व्यापारी नाम नही बताने के शर्त में बताया की इस साल जैसा सन्नाटा महोत्सव मैंने आज तक नही देखा, जिसके चलते बिक्री भी ठीक से नहीं हो पाई है।


बैगा और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया भोरमदेव महोत्सव अब अपनी पहचान के लिए ही मोहताज है एक समय था जब भोरमदेव महोत्सव की ख्याति न केवल पूरे छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में होती थी बड़े से बड़े कलाकार अपनी प्रस्तुति देने के लिए आतुर रहते थे और उतना ही उत्साह क्षेत्र के लोगों में भोरमदेव महोत्सव को लेकर होता था लेकिन ऐसा क्या कारण है कि अब यह महोत्सव नाम मात्र का महोत्सव होकर रह गया है. ..


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