जिला प्रशासन की नाकामी के चलते गृह मंत्री तक को छोंड़ना पड़ा प्रेसवार्ता ।
- VOICE OF STATE NEWS
- Oct 14, 2021
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जिला प्रशासन बनाना चाहती है जिले के पत्रकारों पर दबाव ।
गृह मंत्री भी न्याय संगत कार्रवाई करने का आश्वासन देकर चलते बने ।

कवर्धा-03 अक्टूबर को दो गुटों में हुए विवाद और पुलिस की नाकामी और लाठीचार्ज ने पहले तो शांति का प्रतीक कहे जाने वाले कबीरधाम को जला दिया। बाबजूद प्रशासन अपने आपको पाक साफ ही बता रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण आज कवर्धा पहुचे प्रदेश के दो कद्दावर मंत्रियों के माध्यम से सामने आया, जहां जिला प्रशासन ने मंत्रियों को 03 अक्टूबर को हुए विवाद का असल कारण तक बताना लाजमी नही समझा या अपने आपको बचाने के जुगत में विवाद का असल कारण नही बताया जिसके चलते मंत्री सिर्फ इसी बात को कहते रह गए कि विवाद का कारण भगवा ध्वज है ।
कवर्धा में हुए विवाद के 11 वे दिन आखिकार स्थानीय विधायक व वन परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर और प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू आज कवर्धा पहुंचे थे जहां दोनों मंत्रियों ने जिले के समाज प्रमुखों से आपसी भाई चारा बनाये रखने और हुए इस विवाद को खत्म करने को लेकर समाज प्रमुखों से अपील किया जिसके बाद गृह ताम्रध्वज साहू ने जिले के पत्रकारों से रूबरू होकर हुए इस विवाद के संबंध में पत्रकारों से चर्चा कर हालिया स्थिति भांपने का प्रयास ही किया ही था कि गृह मंत्री तक जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते पत्रकारों के सवालों का जवाब देने में असमर्थ रहे तो वहीं गृह मंत्री के साथ स्थानीय विधायक भी कुछ बोलने से कतराते रहे अंततः स्थानीय विधायक ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देना तक जरूरी नही समझा और प्रेसवार्ता से चलते गृह मंत्री को लेकर चलते बने ।
वहीं कार्रवाई की सुई को देख जिला प्रशासन में इतना भय बना हुआ है कि खुदको बचाने के लिए जिले के पत्रकारों तक को नही छोंड़ रहा । गृह मंत्री के प्रेसवार्ता में जिला प्रशासन की चतुराई आखिर काम आ ही गया, गृह मंत्री व स्थानीय विधायक मोहम्मद अकबर के प्रेसवार्ता में जिला प्रशासन ने पत्रकारों के ऊपर दबाव बनाने मंत्रियों से ज्यादा सवाल या हकीकत से सामना ना कराने को लेकर खुफिया विभाग के लोगों को कैमरा पकड़ा कर पत्रकारों के कवरेज में लगा दिया जहां खुफिया विभाग के लोग पत्रकारों के सभी सवालों पर फोकस करते हुए सवाल पूछ रहे पत्रकारों को कैमरा दिखाया और वीडियो बनाया जा रहा था । मानों पत्रकारों को सवाल करने और वास्तविकता से रूबरू कराने को लेकर रोका जा रहा हो ।
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