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अपनी सांस्कृतिक विरासत को संभालें: छत्तीसगढ़ की लोक परंपराएं हम सभी की जिम्मेदारी हैं– रश्मि विजय शर्मा

तीजा तिहार मिलन समारोह विधायक कार्यालय कवर्धा में हर्षोल्लास से संपन्न, छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक से गूंजा आयोजन स्थल ।
कवर्धा

कवर्धा-छत्तीसगढ़ की परंपराओं और नारी गौरव के प्रतीक पर्व तीजा तिहार के उपलक्ष्य में विधायक कार्यालय कवर्धा में तीजा तिहार तीज मिलन समारोह बड़े उत्साह और पारंपरिक गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की धर्मपत्नी रश्मि विजय शर्मा उपस्थित रहीं।


उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तीजा तिहार छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और नारी परंपरा का प्रतीक पर्व है। यह केवल पर्व नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और मातृ शक्ति के सम्मान का उत्सव है, साथ ही उन्होंने दूर-दराज से आई सैकड़ों महिलाओं, माताओं और बहनों को तीजा तिहार की शुभकामनाएं दीं और कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक परंपराएं, रीति-रिवाज और कला-संस्कृति हमारी पहचान हैं, जिन्हें सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें इन परंपराओं को अगली पीढ़ियों तक भावनात्मक जुड़ाव के साथ पहुंचाना है।

कवर्धा

इस मिलन समारोह में भाजपा की महिला पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवकुमारी चंद्रवंशी, महिला मोर्चा जिला महामंत्री सविता ठाकुर, जिला मंत्री नीतू शर्मा, शहर मंडल अध्यक्ष सतविंदर पाहुजा, ग्रामीण महिला मोर्चा अध्यक्ष दसारी ठाकुर, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वीर सिंह पटेल, जिला सभापति सदस्य सुमित्रा विजय पटेल, तथा जनपद अध्यक्ष कवर्धा सुषमा गणपत बघेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कवर्धा ग्रामीण मंडल की सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने समारोह को भव्यता प्रदान की।


कार्यक्रम में पारंपरिक खेलों की श्रृंखला के तहत खो-खो, कबड्डी, खुर्सी दौड़ का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गायन और नृत्य की छत्तीसगढ़ी प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महिलाएं छत्तीसगढ़ी लोकधुनों पर झूम उठीं और पूरे वातावरण को पारंपरिक उत्सव के रंगों में रंग दिया।

कवर्धा

कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं रश्मि विजय शर्मा के सौजन्य से साड़ी और उपहार भी वितरित किए गए। यह आयोजन न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बना, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक प्रेरणास्पद पहल रही। महिलाओं ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे पारंपरिक मिलन समारोह नारी शक्ति को सामाजिक मंच प्रदान करने के साथ-साथ लोक परंपराओं को भी जीवित रखते हैं। विधायक कार्यालय परिसर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की मधुर गूंज से सराबोर रहा।

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