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अवैध निर्माण का एक नेता सब पर भारी


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अवैध निर्माण का एक नेता सब पर भारी।


कबीरधाम कवर्धा मे नए सरकार के गठन के बाद अवैध निर्माण पर कार्यवाही होने की खबर से शहर का माहौल दिन भर गर्म रहा, एक रसूकदार जन प्रतिनिधि जिसके पत्नी के नाम पर एक बिल्डिंग मे अवैध निर्माण के लिए नोटिस के साथ उसको तोड़ने का आदेश दिए जाने के बाद शहर की जनता मे ये बातें फैलने लगी की अब सरकार के अमले एक्शन मे दिखेंगे लेकिन तमाम माहौल बनाने के बाद जब देर शाम तक कोई कार्यवाही नही हुई तो कई किस्म की बाते होने लगी, की क्या उनका पाॅच साल पहले किसी व्यक्ति विशेष के साथ बैठने का फायदा तो उन्हे नही मिल गया, हालाँकि ये जनप्रतिनिधि एक गुण मे तो माहिर है वो है जिसकी शक्ति उसकी भक्ति,

कही फिरसे वो पाला तो नही बदलने वाले है, या बदल भी लिए हों, शायद इसी लिए उन पर कोई कार्यवाही नही हो पाई,जब महोदय से नोटिस के संबंध मे पूछा गया तो वो नगर पालिका जिसके वो खुद प्रतिनिधि है उस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए नजर आए....

वही जनता भी इंतजार करती रही की कोई कार्यवाही हो रही की नही...

देर शाम तक कोई कार्यवाही नही होना भी कई सवालों को जन्म देता है जैसे

1.जब कार्यवाही नही करनी थी तो नोटिस देने का क्या मतलब...?

2. जब प्रशासन ने नोटिस दिया तो किसके कहने से या ऐसा कौन सा दबाव था जिसके कहने पर कार्यवाही रुक गई .....

3. कोई जन प्रतिनिधि अवैध निर्माण करता है तो नियम के तहत उनके पद के उप्पर क्या वैधानिक कार्यवाही हो सकती है.....

खैर हमारा काम तो सवाल पूछना है लेकिन अब इसका जवाब कौन देगा ये देखने वाली बात है...

फिलहाल तो उस बिल्डिंग के निर्माण करता प्रतिनिधी के साथ आज सभी कांग्रेसी पार्षद खड़े नजर आए क्या पूर्व कांग्रेसी शासन मे सभी की सहमति से ये काम हुआ था जिसे अब प्रशासन का अवैध होने का नोटिस दिया गया है।

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