भोरमदेव में श्रद्धालु और कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा का ऐतिहासिक क्षण ।
- VOICE OF STATE NEWS
- 4 days ago
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उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह,उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने किया हेलीकाॅप्टर से पुष्पवर्षा ।

कवर्धा (रवि ग्वाल)-छत्तीसगढ़ की धरती आज एक बार फिर आध्यात्म और संस्कृति की गवाही बनी, जब भोरमदेव में दूसरी बार शिवभक्त और कांवड़ियों पर हेलीकाॅप्टर से पुष्पवर्षा की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मिलकर इस दुर्लभ और भावनात्मक क्षण को ऐतिहासिक बना दिया।
यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र आशीर्वाद की वर्षा थी, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक अस्मिता का गौरवशाली परिचायक भी बना।
"विजय शर्मा के प्रयासों से संभव हुआ यह ऐतिहासिक आयोजन"
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की सात्विक सोच, निरंतर समर्पण और सनातन संस्कृति के प्रति अपार श्रद्धा ने इस आयोजन को मूर्त रूप दिया। उन्होंने भावुक होकर कहा–
"कभी सनातनियों पर लाठियाँ चलती थीं, आज उन पर पुष्प बरस रहे हैं।"
यह कथन ना केवल वर्तमान का उत्सव है, बल्कि एक मजबूत सांस्कृतिक संदेश भी देता है – कि अब आस्था की रक्षा राज्य का संकल्प है।

श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय क्षण-
पुष्पवर्षा के इस अद्भुत दृश्य ने हजारों श्रद्धालु और कांवड़ियों के चेहरों पर आस्था की चमक और श्रद्धा का उत्साह ला दिया। यह दूसरी बार है जब राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्वयं उपस्थित रहकर शिवभक्तों का स्वागत पुष्पवर्षा से कर रहे हैं। यह नज़ारा श्रद्धालुओं के लिए किसी सपने से कम नहीं था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरुण साव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने बाबा भोरमदेव की पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर राज्य की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। यह क्षण राज्य की धार्मिक चेतना को सशक्त भी करता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विजय शर्मा की सराहना और घोषणा करते हुए कहा कि-
भोरमदेव क्षेत्र के समग्र विकास हेतु स्थानीय विधायक व छत्तीसगढ़ सरकार के उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से 146 करोड़ की लागत से एक भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।

इसमें भोरमदेव मंदिर के साथ ऐतिहासिक स्थल,छेरकी महल, मड़वा महल और रामचुवा को जोड़कर क्षेत्र का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय रोजगार और सांस्कृतिक विरासत को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगी।

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि छत्तीसगढ़ अब केवल आर्थिक और विकासशील दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आस्था और संस्कृति की दृष्टि से भी अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
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