बदलता बस्तर : नदी-नालों के उपचार से किसानों को मिल रही 11 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा
- VOICE OF STATE NEWS
- Sep 28, 2021
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RAIPUR : हाल के वर्षों में मौसम में आए बदलाव और उससे उत्पन्न परिस्थितियां किसानों के लिए चिंता का कारण बन रही हैं। भू-जल स्तर के अंधाधुंध दोहन से जल-स्तर में कमी आई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्षा जल के संचयन और भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए बड़े पैमाने पर जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, वहीं नदी-नालों के पुनर्जीवन के लिए नरवा योजना की शुरूआत की गई है।
बस्तर जिले के सभी विकासखण्डों में पहले चरण में 40 बरसाती नालों के पुनर्जीवन का काम हाथ में लिया गया। इन नालों के कमाण्ड क्षेत्र में जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया गया,जिससे आस पास के क्षेत्रों में जलस्तर में वृद्धि होने के साथ-साथ ये नाले बारहमासी नालों में परिवर्तित हो गए हैं। इन 40 नालों के प्रवाह क्षेत्र की कुल लम्बाई 624.65 कि.मी. है। इन नालों के आसपास के लगभग 11 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में किसानों को सिंचाई सुविधा मिल रही है।

नालों के पुनर्जीवन के लिए किये जा रहे कार्यों के प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक और उत्साहजनक हैं। नरवा के उपचार के बाद नरवा के कैचमेंट तथा कमांड एरिया के औसत भू-जल स्तर में 8.4 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है। मानसून सीजन के पश्चात ग्रामीणों और किसानो को अब दूसरी फसल लगाने के लिए पर्याप्त पानी मिलने लगा है। सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से किसान खरीफ के साथ-साथ रबी की भी फसल ले रहे हैं।
झोड़ी जतन अभियान के तहत गांव के लोगों ने 66 नरवा का चयन किया है। इन नालों के पुर्नजीवन के लिए 5 हजार 423 कार्यों की स्वीकृति दी गई, जिसमें 2 हजार 504 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। साथ ही 211 नरवा के आसपास जल संग्रहण संरचनाएं बनाने के लिए 27 करोड़ 56 लाख रूपये की लागत के लगभग 4,106 कार्यों की स्वीकृति दी गई है, जिसमें लगभग 9.76 करोड़ रुपए व्यय कर 2,346 कार्य पूरा कर लिया गया हैै।
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