छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी, कबीरधाम समेत तीन जिले घोषित हुए नक्सल मुक्त
- VOS CG DESK

- Apr 9
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KAWARDHA-छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को बने अभी सिर्फ 14 महीने हुए हैं, लेकिन इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर नक्सलवाद के खिलाफ सख्त मोर्चा खोल दिया है। इसका असर अब साफ नजर आने लगा है। नक्सली बैकफुट पर हैं और पुनर्वास योजनाओं के चलते कई नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक पूरे छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त राज्य घोषित किया जाए,इसी अभियान के तहत केंद्र सरकार ने हाल ही में कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सल मुक्त घोषित किया है। खासकर कबीरधाम जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सीमावर्ती इलाकों में कुल 9 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इन प्रयासों का परिणाम यह रहा कि बीते एक-दो वर्षों में जिले में कोई बड़ी नक्सली घटना सामने नहीं आई है।
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केंद्रीय नेतृत्व को श्रेय-डिप्टी सीएम
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस सफलता का श्रेय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को देते हुए कहा कि यह अमित शाह का संकल्प ही था, जिसके चलते कई बड़े फैसले लिए गए और अब नक्सलवाद के समापन का दौर चल रहा है। उन्होंने एक बार फिर नक्सलियों से समर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की।
कम्युनिटी पुलिसिंग बनी बदलाव की नींव
कबीरधाम में नक्सलवाद को खत्म करने में कम्युनिटी पुलिसिंग की अहम भूमिका रही है। पुलिस ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल खोले, खेल प्रतियोगिताएं कराईं और ग्रामीणों से विश्वास का रिश्ता कायम किया। यही वजह है कि नक्सली जिले में पैर नहीं जमा सके।
हालात सुधरे, पर चुनौतियां बाकी
हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कबीरधाम जिला अब भी एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) ज़ोन में आता है, जिसकी सीमाएं मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला जैसे नक्सल प्रभावित जिलों से लगती हैं। हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्रों में मुठभेड़ में दो इनामी महिला नक्सली मारी गई थीं। ऐसे में कबीरधाम को पूरी तरह से नक्सल मुक्त घोषित करना कुछ हद तक जल्दबाज़ी कहा जा सकता है,साथ ही कबीरधाम जिले में भी नक्सलियों की गिरफ्तारी सहित एनकाउंटर भी हो चुकी है और जिस तरह से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को नुक्सान हो रहा है उससे कहीं ना कहीं नक्सलियों में भी बदले की भावना जग रही होगी अब ऐसे में तीन राज्यों की सीमा से सटे जंगलों में से गृहमंत्री विजय शर्मा का गृह जिला कबीरधाम सहित खैरागढ़ और राजनांदगांव जिले को नक्सल मुक्त करना कही जल्दबाजी ना हो, और ऐसे में गृहमंत्री विजय शर्मा को अतिरिक्त सावधानी और सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता नजर आ रही है।

सुरक्षा कैंप बने ग्रामीणों की ढाल
कबीरधाम पुलिस ने बेंदा, कोयलारझोरी, खेलाही, कबीरपथरा समेत कुल 9 स्थानों पर सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं। यहां जवान चौबीसों घंटे गश्त और सर्च ऑपरेशन में जुटे रहते हैं। अब तक कई मुठभेड़ों में नक्सली मारे जा चुके हैं और दर्जनों ने आत्मसमर्पण कर समाज सेवा की राह अपनाई है।
पुलिस की मौजूदगी से बढ़ा विश्वास
पुलिस की लगातार उपस्थिति से ग्रामीणों में भरोसा बढ़ा है। गांव-गांव में नक्सलियों की तस्वीरें लगाकर जनता को सतर्क किया जा रहा है। यदि सुरक्षा कैंपों को बंद कर जवानों को हटाया गया, तो इससे नक्सलियों की वापसी का खतरा बढ़ सकता है।
सुरक्षा के साथ सामाजिक प्रयास भी जारी
पुलिस सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, खेल और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से भी नक्सल प्रभावित युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में सफल हो रही है। यह प्रयास नक्सलवाद को जड़ से मिटाने की दिशा में बेहद कारगर सिद्ध हो रहे हैं।








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