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विगत 6 माह से मानदेय नहीं मिलने से कोटवार नाराज-22 फरवरी को करेंगे प्रदर्शन : प्रांताध्यक्ष प्रेमकिशोर बाघ



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विगत 6 माह से मानदेय नहीं मिलने से कोटवार नाराज-22 फरवरी को करेंगे प्रदर्शन : प्रांताध्यक्ष प्रेमकिशोर बाघ



कोटवार एसोसिएशन आॅफ छ.ग. के प्रांतीय संघर्ष समिति के आव्हान पर कोटवार 22 फरवरी को प्रदर्शन करने की तैय्यारी में हैं ज्ञात हो कि विधान सभा के पूर्व माह सितम्बर अक्टूबर से प्रदेश के अधिकांश जिलों में पारिश्रमिक का भूगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कोटवारों को भारी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वैसे भी कोटवारों को नाम मात्र की पारिश्रमिक राशि दी जाती है 3000/- से लेकर अधिकतम 6000/- रूपये में कोटवारों को अपना गुजारा करना पड़ता है ऐसे में 6 माह से पारिश्रमिक राशि नहीं दिया जाना ये कोटवारों के साथ घोर अन्याय है। प्रदेश के सभी वर्गो शासकीय कर्मचारी अधिकारियों का वेतन माह के पहले दो तीन दिन में मिल जाता है परन्तु शासन के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी कोटवारों का मानदेय कभी भी नियमित रूप से माह के प्रथम सप्ताह में नहीं दिया जाता। जबकी कोटवारों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। अफसरशाही के चलते पूर्वाग्रह से ग्रसित जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी से कोटवार आक्रोशित है।


कोटवारों से अनेक प्रकार के बेगारी के कार्य करवाए जा रहे है और उन्हें शारिरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहाहै, तहसील स्तर पर अधिकारी नौकरी से निकाल देने का धौंस देकर उनके द्वारा कुली, मजदूरों की तरह काम ले रहे है। जहाॅं काम लेना है वहाॅं कोटवारों को बहला फुसलाकर अधिकारीगण काम ले लेते है परन्तु जहाॅं सहयोग की बात आती है वहाॅं कोई कोटवारों का साथ नहीं देता, तात्कालीन क्रांग्रेस की सरकार के समय भी कोटवारों ने प्रांतव्यापी धरना प्रदर्शन कर अपनी ज्वलंत समस्याओं को लेकर आवाज उठाई थी परन्तु कोटवारों की समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया।


कोटवारों के मानदेय की समस्या को लेकर कोटवारों का एक प्रतिनिधी मण्डल राजस्व सचिव यादव राजस्व मंत्री माननीय टंकराम वर्मा एवं वित्त मंत्री माननीय ओ.पी. चैधरी से भी मिलकर ज्ञापन सौंपा है। जिन्होने आश्वस्त किया था कि माह फरवरी के प्रथम सप्ताह में मानदेय संबंधी आबंटन जिलों को भेज दिया जाएगा, परन्तु अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है जिससे कोटवारों के मन में गहत असंतोष व्याप्त है।

उपरोक्त के चलते कोटवारों की बरसों पुरानी मांग जो अविभाजित मध्य प्रदेश से लेकर चली आ रही है कि कोटवारों को राजस्व विभाग का शासकीय कर्मचारी घोषित कर सम्मान जनक वेतन दिया जावे अथवा कलेक्टर दर पर मानदेय निर्धारित किया जावे शासन द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है।


वैसे ही मालगुजारी जमीन जो कोटवारों को ब्रिटिशकाल में मिली थी जिस पर उन्हें लम्बी लड़ाई के बाद मालिकाना हक भी प्राप्त हो गया था परन्तु एक सोची समझी साजिश के चलते कोटवारों से वह जमीन वापस ले ली जा रही है, इतना ही नहीं 100 वर्षो से भी अधिक समय से कोटवारों के कब्जे व आधिपत्य की जमीन से उन्हें बेदखल किया जा रहा है जिससे कोटवार दहशत में है।


उपरोक्त के अलावा कोटवारों की नियुक्ति प्रक्रिया को जटील बनाकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी अपनी मनमानी कर कोटवारों का शोषण कर रहे है।


इन्हीं सब कारणों से कोटवार अब लाभबंद होकर संघर्ष करने की तैयारी में है और राजधानी से अपने संघर्ष का आगाज करने 22 फरवरी 2024, गुरूवार को कर्मचारी भवन रायपुर में रायपुर जिले के कोटवारों द्वारा प्रदर्शन किया जावेगा।


(1) 6 माह से रूके मानदेय का तत्काल भूगतान किया जावे।

(2) कोटवारों से बेगारी लेना बंद किया जावे।

(3) प्रतिमाह नियमित पारिश्रमिक का भूगतान सुनिश्चित किया जावे। कलेक्टर दर पर मानदेय का निर्धारित किया जावे ।

(4) कोटवारों के विरूद्ध मालगुजारी जमीन को लेकर की जा रही कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जावे।



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