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जिले में भिक्षावृति करने वालों की संख्या में बढोत्तरी तो ज्यादातर नाबालिग युवक युवतियों की संलिप्तता


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रवि ग्वाल कवर्धा-जिले में भिक्षावृति के मामले लगातार बढ़ते स्तर पर है जिसका नतीजा यह है कि आपको शहर के चौक चौराहों से लेकर बाजार या भीड़ भाड़ वाले जगहों में भिक्षा माँगने वाले आराम से दिख जाएंगे। मगर दुर्भाग्य और चिंता का विषय यह है कि भिक्षावृति में ज्यादातर नाबालिग युवक/युवतियों की भागीदारी ज्यादा दिखाई देने लगी है। जिसमे नाबालिगों की उम्र महज तीन वर्ष से लेकर दस वर्ष तक ही नजर आती है। और ऐसे नाबालिग शहर के मंदिरों से लेकर होटलों के द्धार/दरवाजों के सामने भीख मांगते हुए दिखाई देते है।

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वहीँ शहर को लेकर भिक्षावृति कि बात करें तो यहाँ अलग-अलग मोहल्ले में ऐसे अनेक परिवार है जो परिवार सहित भिक्षा माँगने का ही काम करते है। और ऐसे परिवार भिक्षा मांगने के लिए ज्यादात्तर अपने परिवार के सबसे छोटे यानी नाबालिग युवक युवतियों का ज्यादा उपयोग करते है। जिसका नतीजा यह है की भिक्षावृति के चलते ऐसे नाबालिग शिक्षा से कोषों दूर जा रहे है साथ ही आने वाले भविष्य में इन नाबालिगों का भविष्य किस दिशा में रहेगा अथवा जायेगा इसका अनुमान लगाना बहुत आसान है।

सत्या राठौर,बाल संरक्षण अधिकारी कबीरधाम / वहीँ बाल संरक्षण अधिकारी जिला कबीरधाम का कहना है कि कोरोना काल में अभी कॉउंसलिंग नहीं कर पा रहे है। साथ ही बच्चों के स्कूल नहीं खुल पाने के कारण बच्चे अपने घरों में घूमने का नाम लेकर बाहर शहर में भिक्षावृति करते है कि जानकारी मिली है। वहीँ पूर्व में चाइल्ड राइट,पुलिस,और संरक्षण समिति मिलकर अटल आवास ,मठपारा,लोहारानाका चौक , के समीप के बच्चे भिक्षावृति में होने कि शिकायत मिलते ही समिति द्धारा कार्रवाई किया जाता था जिसके फलस्वरूप लगभग 12 बच्चों को पुर्वास के लिए बालक/बालिका गृह भी परिवार वालों कि सहमति से भेजा जा चुका है जिनमे से काफी बच्चों में सुधार भी देखा गया है। वहीँ लगभग चार नाबालिगों के परिवार वालों से शपत-पत्र भी समिति ने लिया है जिससे शपत-पत्र देने वाले परिवार अपने बच्चों पर नजर रख पा रहे है। साथ ही जैसे की आपके द्धारा सुचना दिया जा रहा है कि मंदिर और अन्य स्थानों में बच्चे भिक्षा माँगने का काम कर रहे है तो इस संबंध में हम समिति और उच्च अधिकारियों से कोरोना के चलते वार्तालाप और दिशानिर्देश के लिए बात करते है और इस पर नियमानुसार कार्रवाई करते है।


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